हवन विधि APP
पूजा-पाठ तो हम सभी करते हैं, लेकिन क्या हमें इस का पूरा फल प्राप्त होता है। क्या हम अनजाने में पूजा पाठ में कुछ गलती तो नही ं कर रहे। जिस प के क हैं की एक भी विधि विधि विधि विधि विधि विधि विधि विधि विधि विधि की भी की की भी भी भी भी भी भी भी भी भी विधिय प प प के क क की अलग- अलग विधि हैं, इन्हें ही पूजा-विधि कहा जाता है।.
प्राचीन काल में कुण्ड चौकोर खोदे जाते थे, उनकी लम्बाई, चौड़ाई समान होती थी। यह इसलिए था कि उन दिनों भरपूर समिधाएं ve daha fazlası थी, फलस्वरूप अग्नि की प्रचण्डता भी अधिक रहती थी । Daha Fazla Bilgi जगह रहना आवश्यक था। उस स्थिति में चौकोर कुण्ड ही उपयुक्त थे। पर आज समिधा, घी, सामग्री सभी में अत्यधिक मँहगाई के कारण किफायत करनी पड़ती है। कुण्डों में थोड़ी ही अग्नि ज ल पाती है और वह ऊपर अच्छी तरह दिखाई भी नहीं पड़त ी। ऊपर तक भर कर भी वे नहीं आते तो कुरूप लगते हैं। .