Surah Yaseen in Hindi APP
इस सूरह को पढ़ने की कुछ फजीलते नीचे दी है
हज़रत सैय्यदना हस्सान बिन अतिया रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल उल्लाह सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि सूरह यासीन अपने पढ़ने पढ़ने ो
दुनिया व आख़िरत की भलाई अता करती है |
दुनिया व आख़िरत की बलाये उस से दूर करती है |
दुनिया व आख़िरत की हौलनाकियों से नजात दिलाती है |
ये अपने पढ़ने वाले की हर हाजत व ज़रुरत पूरी करती है |
जिस ने उसे पढ़ा ये उस के लिए 20 हज के बराबर है |
हदीस में आया है कि जो शख्स दिन की इब्तिदा में सूरह यासीन कि तिलावत करेगा उसकी तमाम ज़रूरियात पूरी हो जाएँगी
एक जगह और अबू दरदा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जिस मरने वाले के पास सूरह यासीन पढ़ी जाती है अल्लाह तआला उसपर (मरने वाले के पास सूरह यासीन पढ़ी जाती है अल्लाह तआला उसपर रने वाले के पास सूरह यासीन पढ़ी जाती है अल्लाह तआला उसपर रने वाले के पास सूरह यासीन पढ़ी जाती है अल्लाह तआला उसपर ा
एक रिवायत में है की हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरा दिल चाहता है कि सूरह यासीन मेरे हर उम्मती के दिल में हो यानी हर उमाद ोा दिल
दूसरी रिवायत में है कि जिस ने सूरह यासीन को रात में पढ़ा फिर अगर उस रात उसकी वफ़ात हो जाये यानी वो इन्तिक़ाल काफि फिाज तोा शहीद
एक जगह और इरशाद है कि जो सूरह यासीन पढता है उसकी मग़फ़िरत की जाती है जो भूक की हालत में पढता है वो सेर हो जाता है, जो रास्ता गुम होने की हालत में पढता है वो रास्ता पा लेता है और जो इस हालत में पढ़े की खाना कम हो जाने का खौफ हो तो खाना काफी हो जाता है।
अल्लाह हम सबको ज्यादा से ज्यादा कुरआन को पढ़ने और समझने की तौफीक दे आमीन।