Salmo 41 APP
2 यहोवा उसकी रक्षा करेगा, और उसके प्राण की रक्षा करेगा; वह तुझ को देश में सुखी करेगा, और तेरे शत्रुओं की इच्छा के आधीन न करेगा।
3 यहोवा उसको रोग-शय्या पर पड़ा हुआ सम्भालेगा, और वह उसको रोग से चंगा करेगा।
4 मैंने कहा, “दया, यहोवा! मुझे चंगा कर, क्योंकि मैं ने तेरे विरुद्ध पाप किया है।”
5 मेरे शत्रु मेरे विषय में दुर्भावना से कहते हैं, वह कब मरेगा? तुम्हारा नाम कब मिटेगा?
6 जब कोई मुझ से भेंट करने को आता है, तब वह फूठी बातें बोलता, और अपक्की निन्दा से अपके मन को भर लेता है, और जहां कहीं जाता वहां उनको फैला देता है।
7 वे सब जो मुझ से बैर रखते हैं, इकट्ठे होकर मुझ पर यह सोचकर फुसफुसाते हैं, कि मुझ पर विपत्ति आ पकेगी।
8 एक भयानक मरी ने उसे उलट दिया; वह बिछौने पर पड़ा है और कभी न उठेगा।”
9 मेरा परममित्र भी जिस पर मैं भरोसा रखता या, और अपनी रोटी बांटता या, वह भी मेरे विरुद्ध हो गया है।
10 परन्तु हे यहोवा, तू मुझ पर दया कर; मुझे उठा कि मैं उन्हें बदला दूं।
11 मैं जानता हूं कि तू मुझ से प्रेम रखता है, क्योंकि मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल नहीं होता।
12 मेरी खराई के कारण तू मुझे सम्भालता, और अपके साम्हने सदा के लिथे रखता है।
13 अनादिकाल से अनन्तकाल तक इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की स्तुति करो! आमीन और आमीन!