दोहा अपभ्रंश का जातीय छन्द कहलाता है। हिन्दी भाषा के स्वरूप निर्धाometría इतना प्रagaचीन इतिहास होने के बावजूद आज भी दोहा उतनी ही मारक क्षमता के साथ लिखा जा रहा है।।।।।। इस विधा ने हर काल में अपने आप को परिवेश और परिस्थितियों के अनुरूप ढाला और अपनी जीवन्तता को बचाए ¢।। वenas तम में अपने समकालीन सरोकारों के कारण दोहा और अधिक सशक्त होता दिखाई पड़ता है।।।।।।।। हमने यहाँ दोहा विधा में लेखन कर ominó यह एप हिन्दी के वर्तमान दोहाकारों का एक कोश बनकecer समय-समय पर इसमें नए दोहाकार शामिल किये जाते रहेंगे तथा हर संभव प्रयास किया जाएगा कि एप एप्लिकेशन पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध हो हो हो हो उपयोगी हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद सिद हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो ° सिद हो हो हो हो हो हो हो italquí इससे जुड़कर, इसे पढ़कर आपका अनुभव कैस sigue.
इस एप की मुख्य -
* निरन्तर नए रचनाकारों का समावेश।
* ऑफलाइन सपोर्ट: बिन sigue
* बहुत हल्का और सुरक्षित एप।
* किसी प्रकार के लोगिन की आवश्यकता नहीं।
* शेयर करने की सुविधा।
अधिक जानकारी के लिए आप इसके संपादक के ० पी ० अनमोल जी से संपenas कर सकतें।।।।।।।।।।।
यहाँ अपनी दोहा विधा की रचनाएँ जुड़वाने
kpanmol.rke15@gmail.com पर मेल से अथवा 8006623499 पecer इसमें सम्मिलित रचनाकारों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता।
प्रवीण कुमार, एप डेवलपर
गाँव पावटी, जिला पानीपत (हरियाणा)