डेयरी भारत में हर किसी के आहार के मूल में है।
शहर की सीमाओं पर पले-बढ़े, हमारे संस्थापक हमेशा प्रकृति के करीब थे। अपनी माँ द्वारा प्रतिदिन शुद्ध पौष्टिक भोजन खिलाए जाने के कारण, वे उन सभी चीज़ों के पारखी बन गए जो प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होती थीं और जिनका स्वाद अच्छा होता था। नियति जल्द ही उन्हें दूर देशों में ले गई जहां उन्होंने अध्ययन किया और अपने कौशल में महारत हासिल की। यह नियति ही थी जो उन्हें फिर से अपनी मातृभूमि में वापस ले आई। तब उन्हें एहसास हुआ कि भारत के शहरों में लोगों के लिए जैविक भोजन खाना कितना मुश्किल हो गया है। लोग खाने के स्वस्थ तरीके की ओर बढ़ने के लिए बेताब थे, लेकिन इस जरूरत को पूरा करने वाला कोई नहीं था। तभी जैविक भोजन के प्रति उनके जुनून ने एक सपने को जन्म दिया, अपने देश को प्राकृतिक, पौष्टिक, शुद्ध और पौष्टिक भोजन प्रदान करने का सपना।
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