सूरः कौसर पवित्र कुरान का अध्याय 108 है।
इस 'मक्की' सूरह में 3 आयत हैं। यह इमाम जाफ़र के रूप में सादिक (a.s.) द्वारा सुनाया गया है कि जो व्यक्ति अपनी किसी भी प्रार्थना में इस सूरह का पाठ करता है, वह कवथर के फव्वारे से पीएगा। इस सूरह को सुनाने का इनाम प्रति वर्ष पुनरुत्थान के दिन तक हर साल ईद-उल-अधा पर वध करने वाले मवेशियों की संख्या से दस गुना है।
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