तुकाराम भाऊराव साठे, जिन्हें अन्नाभाऊ साठे के नाम से जाना जाता है, एक समाज सुधारक, कम्युनिस्ट लोक कवि और महाराष्ट्र, भारत के लेखक थे। साठे अछूत मांग समुदाय में पैदा हुए एक दलित थे, और उनकी परवरिश और पहचान उनके लेखन और राजनीतिक सक्रियता के केंद्र में थी।
अन्नाभाऊ साठे के नाटक जनता को एकजुट महाराष्ट्र आंदोलन की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।