Jinendra Archana (जिनेन्द्र अर्चना) | Jinvaani na telefonie komórkowym

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Teraz przeczytaj जिनेन्द्र अर्चना (Jinendra Archana) przez अखिल बंसल:

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Czytaj Deepawali (Diwali | Dipawali) Jain Puja - दीपावली-पूजन
Przeczytaj Mahaveer Jayanti श्रीमहावीर पूजा (पूजन)


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(स्तवन खण्ड)
जिनपूजन रहस्य
जिनेन्द्र वंदना
दर्शन-पाठ
देव-स्तुति (प्रभु पतित पावन ...)
दर्शनस्तुति (अति पुण्य उदय मम आया ...)
दर्शनस्तुति (सकल ज्ञेय ...)
देवस्तुति (अहोजगत ...)
दर्शनदशक (देंखे श्री जिनराज़ ...)
दर्शन-पाठ (दर्शन श्री देविधिदेव का ...)
आराधना पाठ (मैं देव नित ...)
देवस्तुति (वीतरागसर्वज्ञहितकर ...)
(पूजन खण्ड)
भलाभिषेक पाठ
प्रतिमा प्रक्षाल पाठ
विनयपाठ
पूजा पीठिका (संरकृत)
पूजा पीठिका (हिंदी)
स्वस्ति मंगल पाठ
देव शास्त्र गुरु पूजन
सिद्ध पूजन

विदेह क्षेत्र स्थित विद्यमान बीस तीर्थंकर पूजन
श्री वर्तमान चौबीसी पूजन
सीमंधर पूजन
दस लक्षण धर्म पूजन
सम्यक रत्नत्रय पूजन
सोलहकारण पूजन
ूेरू पूजन
नन्दीश्वरद्वीप पूजन
श्री आदिनाथ जिन पूजन
श्री चन्द्रप्रभ जिन पूजन
चैतन्य वन्दना
श्री शांतिनाथ जिन पूजन
श्री पार्श्वनाथ जिन पूजन
श्री वर्धमान जिन पूजन
श्री महावीर जिन पूजन
श्री पंच बालयति जिन पूजन
श्श्री बाहुबली पूजन
श्री सप्तऋषि पूजन
श्री सरस्वती पूजन
अक्षय तृतीया पर्व पूजन
रक्षाबंधन पर्व पूजन
वीरशासन जयंती पर्व पूजन
क्षमावाणी पूजन
दीपमालिका पर्व पूजन
श्रुत पंचमी पर्व पूजन
निर्वाण क्षेत्र पूजन
निर्वाण काण्ड भाषा
स्वयंभू-स्तोत्र (भाषा)
चौबीस तीर्थकरों के अर्घ
अकृत्रिम चैत्यालयों के अर्घ
अर्घावली
शान्तिपाठ (संस्कृत)
नान्तिपाठ (हिंदी)
शान्तिपाठ (लघु)
(आध्यात्मिक पाठ एवं भावना खंड)
नीरव निर्झर (सामायिक पाठ)
अमूल्य तत्व विचार
आलोचना पाठ
मेरी भावना
वैराग्य भावना (वज्रनाभ चक्रवर्ती)
छहढाला
भक्तामर-स्तोत्र
भक्तामर-स्तोत्र (हिंदी)
पार्श्वनाथ-स्तोत्र
महावीराष्टक स्तोत्र
मंगलाष्टक
समाधिमरण (हिंदी)
बारह भावना
त्तत्वार्थ सूत्र
(भक्ति खंड)
देव भक्ति
तुमक तुम्ही आधार हो जग में ...
तिहारे ध्यान की मूरत ...
मेरे मन मंदिर में आन ...
निरखो अंग-अंग विनवर के ...
आओ जिन मंदिर में आओ ...
प्रभु हम सबका एक ...
धन्य धन्य आज घडी कैसी सुखकार है ...
वीर प्रभु के ये बोल तेरा प्रभु ...
आज़ हम जिनराज़ तुम्हारे द्वारे आये ...
शास्त्र भक्ति
है जिनवाणी माता तुमक्रो लाखों ...
विनवर चरण भक्ति वर गंगा ...
जिनवाणी माता रत्नत्रय ...
जिन बैन सुनत मोरी भूल -...
जिनवाणी माता दर्शन की ...
हैिमा है अगम जिनागम की ...
णोंरणों में आ पड़ा हूँ ...
नित पीज्यो धी धारी ...
साँची तो गंगा यह वीतराग वाणी ..
यन्य धन्य है घडी आज़ की ...
केवलि कन्ये वांगमय गंगे ..
धन्य धन्य जिनवाणी माता ...
धन्य धन्य वीतराग वाणी ...
सुनकर वाणी जिनवर की म्हारे ...
मुख ओंकार धुनि ...
भ्रात जिनवाणी सम नहि आन ...
गुरु भक्ति
ऐसे साधु सुगुरु कब मिलि है ...
-न-धन जैनी साधु जगत के ...
परम गुरु बरसत ज्ञान झरी
मुे मुनिवर कब मिलि है ...
मुसे मुनिवर देखे वन में ...
मरम दिगम्बर मुनिवर ...
संत साधु बन के विचरु ...
धन्य मुनीश्वर आतम हित में ...
म्हारा परम दिगम्बर मुनिवर आया ...
हे परम दिगम्बर साधु के ...
नित उठ ध्याऊ गुण गाऊ ...
हे परम दिगम्बर यति महागुण ...
है परम दिगम्बर मुद्रा जिनकी ...
होली खेलें मुनिराज़ शिखर वन में ...
ते गुरु मेरे मन वसो ...
अहो जगत गुरुदेव ...
विविध
निरखत जिन चन्द्र-वदन ...
आज़ हम जिनराज ...
सुनि ठगनी माया.
श्री मुनि राजत समता संग ...
अब प्रभु चरण छोड़ कित जाऊँ ...
प्रभु पै यह वरदान सुपाऊँ ...
अशरीरी सिद्ध भगवान ...
मैं महा पुण्य उदय से ...
करलो जिनवर का गुणगान ...
देखो जी आदीश्वर स्वामी ...
श्री अरिहन्त छवि लखि ...
मैंने तेरे ही भरोसे ...
रोम रोम पुलकित हो जाय ...
मुझाह मुझे है दर्शन की ...
जिन प्रतिमा जिनवर-सी कहिए ...
चरखा चलता नाहीं ...
श्री जिनवर पद ध्यावें जिन ...
परमेष्ठी वन्दना ...
वन्दौ अदभुत चन्द्रबीर जिन ...
है जिन तेरो सुजस उजागर ...
थांकी उत्तम क्षमा पै ...
दरबार तुम्हारा मगहर है…
नाथ तुम्हारी पूजा में सव ...
दया दान पूजा शील ...
श्री सिद्ध चक्र महात्मय ...
हमको भी बुलवालो स्वामी सिद्धों…


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