वैदिक घड़ी APP
◆ 12시 बजने के स्थान पर आदित्या : लिखा हुआ है, जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं - अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु.
◆ 1:00 बजने के स्थान पर ब्रह्म लिखा हुआ है, इसका अर्थ यहाहै किसाह्म एक ही प्रीक ह्थान पर ब्रह्म लिखा हुआ है, इसका अर्थ यहाहै किसाह्म एक ह्थान पर ब्रह्म
◆ 2:00 बजने की स्थान पर अश्विनौ लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य है कि अश्व।नी कुमार ो है
◆ 3:00 बजने के स्थान पर त्रिगुणा : लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य युहै का तात्पर्य युहै का तात्पर्य युहै का तात्पर्य युहै का तात्पर्य युहै के सुण तीन परिगण
◆ 4시 बजने के स्थान पर चतुर्वेदा : लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद.
◆ 5시 बजने के स्थान पर पंचप्राणा : लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य है कि प्राण पांच प्रकार के होते हैं - अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान.
◆ 6:00 बजने के स्थान पर षड्र्र्र्सा : लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रस 6 प्रमार कर, प्रकार के हखा, है
◆ 7시 बजे के स्थान पर सप्तर्षय : लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सप्त ऋषि 7 हुए हैं - कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ.
◆ 8시 बजने के स्थान पर अष्ट सिद्धिय : लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सिद्धियां आठ प्रकार की होती है - अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व.
◆ 9시 बजने के स्थान पर नव द्रव्यणि अभियान लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि 9 प्रकार की निधियां होती हैं - पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व.
◆ 10시 बजने के स्थान पर दशदिशः लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि दिशाएं 10 होती है - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल.
◆ 11시 बजने के स्थान पर रुद्रा : लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रुद्र 11 प्रकार के हुए हैं - कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड और भव.